Friday, September 9, 2016

Sanpurna Brahmha Mahaprabhu Shri Jagannath

Sanpurna Brahmha Mahaprabhu Shri Jagannath 
सम्पूर्ण ब्रह्म श्री जगन्नाथ 
ISBN : 978 93 8514 913 9
Author : Govardhan Prashad Devangan


Hardcover 
288 Pages
First Edition, 2016
Publisher: Luminous Books, Varanasi

आनंद कंद महाप्रभु श्री जगन्नाथ अत्यंत रहस्यपूर्ण देव हैं. उनके गूढंतत्व का भेदकर पाना साधारणमनुष्य के वश में नहीं है. उनका नाम ही व्यापकता का परिचायक है. विष्णु, राम, कृष्ण, शिव जैसे नाम बोधक शब्द प्रतीत होते हैं, वैसे ही जगन्नाथ अर्थ बोध की सीमा में परिसीमित नहीं होते. सचराचर पूर्ण समस्त जगत् के नाथ हैं- जगन्नाथ. वे केवल नाम वाचक विशेष्य पद नहीं हैं. वे तो सारे जगत् के कर्ता-धर्ता, विधाता और नियंता हैं. सम्पूर्ण जगत् के ईश्वर, परब्रम्ह, परमेश्वर, विश्व ब्रहमाण्ड के कण में विराजमान, अनादि, अनंत ब्रह्म.

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